सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी सड़क पर दो नकाबपोश युवकों को पकड़ते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि अयोध्या के अशर्फी भवन के पास पुलिस ने दो आतंकवादियों को बम के साथ पकड़ा है. इनका मकसद मंदिर के निर्माण में बाधा डालना था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो कोई असली घटना नहीं है, बल्कि अयोध्या पुलिस की ओर से की गई मॉक ड्रिल का वीडियो है.
फेसबुक यूजर “विश्व हिंदु एकता मंच” ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा:- “#ayodhaya #अयोध्या में #असर्फी भवन के पास दो #आतंकियों को #बम के साथ पुलिस ने किया #गिरफ्तार. मकसद साफ है, मंदिर के निर्माण मे बाधा डालना, लेकिन मंदिर तो बन के रहेगा. #जय_श्री_राम भगवा”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
AFWA की पड़ताल
वायरल हो रही पोस्ट का सच जानने के लिए हमने इसके कीफ्रेम्स काट कर रिवर्स सर्च किया, तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स के अनुसार, अयोध्या पुलिस ने 29 मई को अयोध्या के अशर्फी भवन चौराहे पर ब्लैक कैट कमांडो के साथ यलो जोन में मॉक ड्रिल की थी. इस दौरान दो नकाबपोश युवकों ने आतंकवादियों का किरदार निभाया था. यह मॉक ड्रिल अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी अमर सिंह के नेतृत्व में की गई थी.
वायरल हो रहा वीडियो इसी मॉक ड्रिल का है. मीडिया रिपोर्ट्स में मिला वीडियो, वायरल वीडियो से मेल खाता है. नीचे दिए गए स्क्रीन शॉट्स में देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो में नीली व काली टीशर्ट पहने जिन दो युवकों को पुलिस पकड़ रही है, मॉक ड्रिल में भी वहीं युवक नजर आ रहे हैं.
इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मॉक ड्रिल के दौरान इस्तेमाल हुए नकली बम को लेकर बंदर पेड़ पर चढ़ गए थे और बम को मुंह से काट भी दिया था.
लिहाजा यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है, यह कोई असली घटना नहीं थी, बल्कि यह एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.
One Reply to “फैक्ट चेक: अयोध्या में पुलिस मॉक ड्रिल का वीडियो सच्ची घटना बताकर वायरल – Fact check ayodhya police mock drill video viral social media”